16 ह़ान्ती टेमे माणहु, भुत लागला ढेरेत माणहु ने ईसुन्तां लाया। ईसु एकीत बोल कीन भुत ने माणहु मे गेथा नीकाळ्यो अने आखा मांदला ने वारु कर्यो।
अळतेण माणहु एक आंदळा माणेह ने ईसुन्तां लाया, तीहयु गुंगु बी हतु। अने भुत लागलु हतु। ईसु तीने आरगो कर्यो। अने तीहयो बोलवा अने देखवा बाज ज्यो।
अने ईसु ढुंड्या मे गेथो उतर्यो, ता एक घणो मोटो माणहु नो मेळो देख्यो; अने तीने तीहया माणहु पोर दया आय जी, अने तीहयो जे मांदला हता तीमने आरगा कर्यो।
ईसु तीनो हात छीम्यो, अने तीनो ताव उतर ज्यो, अने तीहयी उठीन तीमनी चाकरी करवा बाज ज्यी।
अने ह़ुवर्या ने चारन्या नाही पड़्या, अने तीहया जे हयु तीहयु आखु ह़ेर मे जाय्न की देदा। अने भुत चोटला माणहु नु ह़ु हयु तीहयु बी की देदा।
तीहयी वखत थोड़ाक माणहु, लखवा मे पड़ला एक माणेह ने खाटला मे ह़ुवाड़ीन ईसुन्तां लाया। तीमनो भरहो देखीन ईसु तीहया लखवा मे पड़ला ने हुकम आपीन केदो, सोरा, हीमम्त राख! तारा पाप नी लेदे तने माफी जड़ जी।