12 पण राज्य नी अवल्यात ने बारथा अंदारला मे नाख देहे: तां रड़हे अने दातु ककड़ावता रेहे।
अने खेतर आहयी कळी से: वारलु बीज भगवान ना राज ना माणहु से; अने जंगली बीज कुहर्या भुतड़ा ना माणहु से;
अने तीमने आक्ठु नी दर्या मे धकली देहे; अने तीहया माणहु तीहयी आक्ठु नी भाटी मे ढोळो-ढोळो अने फुकु-फुकु रड़हे
अने तीमने आक्ठा ना खाडा मे नाखे। ता तीहया माणहु रड़हे अने दातु ककड़ावता रेहे।”
एतरे मे तमने केम, भगवान, ह़रग नु राज तमारा हात मे गेथु हापकी लेहे अने राज्य ना माणहु ने आप देहे जे भगवान ना राज ना कायदा पाळीन जीवहे।
अने मालीक तीने घण भारी डंड आपहे, अने ढोंगड़ा करन्या ह़ाते भेसकी देहे, अने तीहया तां ह़ारीक फुकु-फुकु रड़हे अने दातु ककड़ावता रेहे।”
अने आहया रीकामा पावर्या ने बारथु ना अंदारला मे नाख देवो। तां ह़ारीक रड़वा अने दातु ककड़ाव्वा नु रेहे।