12 तीहयो आह़फा नु ह़ुपड़ु तीना हात मे ली लेदलो से, अने तीहयो आह़फा ना खळा मे गम नीकाळीन चोखाळहे अने गम ने मोहटी मे भरहे, पण गम ना चारा ने आक्ठी मे नाख देहे जे कदी नी ओलाये।”
वाडणी आवते लग भेळात वदवा देवो। वाडवा नी टेम पोर वाडवा वाळा ने केही, ‘पेले जंगली बीज ना झाटवा भेळा करो अने धपाड़वा करीन हीमना पुळा बांदो। अने अळतेण गम ना दाणा ने मारी मोहटी मे भेळा करो।’”
मनख्या नो सोरो ह़रगदुत ने मोकलहे अने तीहया तीना राज मे गेथा आखा पाप करन्या ने अने गलत काम करन्या माणहु ने भेळा करहे,
अने तीमने आक्ठु नी दर्या मे धकली देहे; अने तीहया माणहु तीहयी आक्ठु नी भाटी मे ढोळो-ढोळो अने फुकु-फुकु रड़हे
तीना वारा मे धरमी माणहु आह़फा ना बाह ना राज मे दाड़ान तेम भबळहे। जीना कान्टा हय तीहयो ह़मळी लेय।”