3 दाड़ा नी नवेक बजे बारो नीकळ्यो, अने तीहयो हाट मे ढेरेत माणहु ने रीकामा उबा हय रेला देखीन,
तीहयो दाड़क्या ह़ाते एक दाड़ा नी दाड़की एक चांदी नो सीक्को ठेरायो अने तीमने अंगुर नी वाड़ी मे मोकल्यो।
तीमने केदो, “तमु बी मारी अंगुर नी वाड़ी मे जावो, मे तमने तालेत दाड़की आपही।”