6 पुण ज्यी सेरीरान मोरजी पुरी केरने माय पोड़ गियीह, ती जीवताली ते हे पुण मुरेल बाराबोर हे।
6 पुण जी भोगविलासात पोडीन जातीह, ती जीवताला हि तेभी मोर गीयी.
यीशु ताह केयो, “तु मार पासाण चाल दे, मोरेलाह तान मुरदाह बुजणे दे।”
तेवी मी मार जीवाह केह, एय मार जीव तुवा फाय जुलूम वोरह्यान केरता जुलूम मालदेन मीलेल हे, खा पी मोज्या केर, एने हुकेच रे।”
थोड़ाक दिह्याम आतल्यो बिटोख तान आखो मालदेन लेन एकठो केरीन सिटोच मुलखाम जात रिनो, एने ता आखो मालदेन मोज मोचती माय उड़ाव दिनो।
काहाकाय मार बिटोख मोर जायेल ईतो, पुण पुशो जीव जायेल हे: टाकाय जायेल ईतो, पुण एवी सापड़ी जायेल हे।’” इहकेरीन ता मोंज केरने बाज गीया।
ते आपुह जुलूम खुस एन तिवार मानावणे जुवे काहाकाय ज्यो तारो बाहख मोर जायेल ईतो, पुण पुशो जीवतालो एय जायेल हे; टाकाय जायेल ईतो, पुण एवी सापड़ी जायेल हे।’”
एक मालदार माणुह एतो, जो मोंगाला फाड़का पेरतालो एने दाड़ीन हुकेह रेतालो।
ओवता तुमू काय देखणे जायेल एता? काय हुवाल्ला फाड़का पेरनारा माणहाह? जा हुवाल्ला फाड़का पेरतेह, ता राजवाड़ाम हुकेह रेतेह।
एने तो तुमूह बी जिवाड़ेल, जा तुमरा गुनान एने पापान कारेण मुरेल एता।
जेवी आमु उकुम नाह मान्नेन कारेण मुरेल एता, तो आमुह मसी माय जीवाय आप्यो। ज्यो बोगवानान गीण ने द्वारा तुमूह वोचाड़ेल हे।
काहाकाय उजालो आख्यु वातु देखाड़ेह पुरी रिती से देखाणार चिज सोता उजालो बोण जाथे। तानकेरता तो किथे, “एय हुवणारे, जाग उठो एने मुरेल माय रेन जीव जावो, ते मसीन उजालो तुमू पोर चोमके।”
एक टेम तुमू बी आत्मिकता माय मुरेल एता काहाकाय तुमू पापी, एने बिगेर यहुदि बिगेर नेमान एता। पुण एवी बोगवान तुमूह मसी हेऱ्यो जीवाय माय लायेल हे। बोगवान आपणा आखा पापान माफ किरेल हे।
ताम रेन कोलाक ओहला माणहे हेते जा गेरा माय मोनेस रिग जातेह, एने पापान दोसाम दाबायील, एने आलेग आलेग बातीन लोब लालुस माय फोस रेन्युह, ता ओहल्यु कोमजोर बायकुह ताबाम केरतेह,
तुमू देरती पोर तोपशा माय लाग रिहो एने मोठोह हुक बोगना; तुमू ज्या बोलीन दिह्यान केरता तुमरा मोनान चाकरी केरीन ताह मोटलो एने ताबालो केऱ्या।
काहाकाय जी बोड़ाय एने ईजुत ती आपणे आपाह आपेल हे, तिहेस केरीन तुमू तीह दुख आपो।” काहाकाय ती मोना माय किथे रिथे, “मी राणी हे! मी रांडायेल नाह सोती, मी केदी बी काल्लो दुख नाय मोणावु!
सरदीस मायवाली मोंडलीन खुबेर पोचाड़नार हेरोगदुताह ज्यो लिख: जा फाय बोगवानान हात जीव एने हात तारा हेते। तो ज्यो किथे काय मी तार कामाह जाणथु; माणहान केणो हे काय तु जीवतालो हे, पुण खेरीच ते माय मुरेल हे!