यू ही तीरका अरे जवान हुन, तुम भी सियाना जमाना का अदमी हुन का बस म रहो, पर तुम सारा का सारा एक दुसरा कि सेवा का लाने नम्रता से कमर बाँधी रहो, काहेकि “परमेस्वर घमण्डी हुन को विरोध करह आय, जब कि दया करन वालो पर अपनी दया दिखाव हैं।”
अरे बाप, मी तुम ख एकोलाने लिखू हैं कि जो सुरू से हैं तुम ओ ख जानह हैं। अरे जवान हुन, मी तुम ख एकोलाने लिखू हैं कि तुम न ओ ख दुस्ट पर जीत मिली हैं। अरे पोरिया हुन, मी न तुम ख एकोलाने लिखो हैं कि तुम बाप ख जान गयो हैं।