हम दुसमन ही हतो, जब परमेस्वर को संग हमारो मिलनो ओको पोरिया कि माऊत मो माध्यम हो गयो हतो; अर परमेस्वर को संग मेल हो जान को बाद ओको पोरिया ख जिन्दगी माध्यम निस्चय ही हमारो उध्दार होऐ?
परमेस्वर हमारो मन ख परख अर ओ ख पता हैं कि हमारो आत्मा विचार हैं। काहेकि आत्मा अपनो सुध्द लोग हुन ख ओर से अर अपनी इच्छा को अनुसार परमेस्वर से प्रर्थना कर हैं।
काहेकि जो अपनो सरीर को लाने बोवा हैं वई सरीर को व्दारा नास होन वाली कटनी काटेगो; अर जे आत्मा को लाने बोवा हैं, उ आत्मा को व्दारा अनन्त जीवन कि कटनी काटेगो।