हे भैय्या हुन अर बहिन, तुम स्वतरत होन ख लाने बुलायो गया हैं; पर असो नी होय की या स्वतंतरता सारीरिक काम हुन को लाने काम कि चीज बने, वरन प्रेम से एक दुसरा को लाने गुलाम बनो।
काहेकि कितना असो अदमी चुपको से हम म आ मिल्या हैं, जिन को यू दण्ड को वरन पुरानो बखत म पहलो से लिखो गयो थो: या भक्तिहीन हैं, अऊर हमारो परमेस्वर को दया को लुचपन म बदल डालह हैं, अर मालिक अर प्रभू यीसु मसी ख मना करह हैं।