धन्य हैं उ जो मूसिबत म विस्वास लायक रहवा हैं दुख से खडो निकलनो पर ओ ख जिन्दगी को उ मुकुट हासिल होय जे ख प्रभु न अपनो दास हुन ख देवन को वादा करयो हैं। अपन प्यार करन वाला से की आय।
अदि परमेस्वर जो सारो दया को दाता हैं, जे न तुम ख मसी म अपनी अनन्त बड़ाई का लाने बुलायो हैं, तुमारो थोड़ी देर लक दुख उठान को बाद खुद ही तुम ख सच्चो अर खड़ो अर ताकत वार करेगों।