काहेकि पहिले हम भी बेग्यानी, अर कहेना नी मानन वाला, अर गलत फैयमी म पड़िया अर कई तरीका कि मन की मरजी हुन अर सुख सान्ति की गुलामी म हता अर बैरभाव, अर गुस्सा करनो म जीवन बितात रह अर घिन्न करन वाला हता। अर एक दुसरा से बैर रखत रहा।
हम यी भी जान हैं कि परमेस्वर को पोरिया आ गयो हैं अर ओ न हम ख समझ दियो हैं कि हम ओ ख सच्चो को पहिचान; अर हम ओ म जे सच्चो आय, याने ओखा पोरिया यीसु मसी म रवह हैं। सच्चो परमेस्वर अर आखरी जिन्दगी यू ही आय।