काहेकि पोलुस जहाँ तक हो सका पिन्तकुस्त को रोज तक यरूसलेम पहिचान कि जलदी करत रहा, एकोलाने ओ ना सोचियो कि उ इफिसुस म बिना रूक्यो आगे चल देहे जसो ओखा आसिया म बखत नी गुजारनो पड़े।
हनन्याह न उत्तर दियो, “हे प्रभु, मी न यू इंसान को बारे म बेजा कुछ सुनो हैं कि यरूसलेम म तोरो ऊपर सुध्द अदमी हुन को संग यरूसलेम बड़ो-बड़ो बुराई हुन की हैं;