16 अब तुमारी सामने जे भलो हैं ओको बारा म बुराई नी करनु। पर न्याय अर सान्ति अर सुध्द आत्मा म आनन्द हैं।
16 आउर तुमचो काजे जोन भलाई आय हुनचो निन्दा नी होऊक सको।
बुराई का बदला कोई से बुराई नी कर; सब ख दृस्टि सब को जे अच्छो हैं ऊईच करन को विचार कर।
सब तरीका की बुराई से बचियो रहनु।
अर धीरज रखन वाली, अदमी को धरम पुरो करन वाली, घर को कारोबार पुरो करन वाली, भली, अर अपनो-अपनो अदमी को बस म रहन वाली होय ताकि परमेस्वर को वचन की बुराई नी होनो चहिए।