ओ ना या बात एकोलाने नी बोलो की ओखा गरीब हुन कि चिन्ता हती पर एकोलाने कि उ चोर हतो, अर ओको जोने पैसा की थैली रहत रह अर ओमा जो कुछ ड़ालो जात रह, उ निकाल लेत रह।
पर जे ग्यान ऊपर से आवा हैं उ पहले तो सुध्द होव हैं फिर सान्ति से मिलनसार कोमल अर मृदुभाव अर दया अर अच्छो फल से लदो वालो अर पक्छपात अर मन कपट रहित होव हैं।