मी अब दुनिया म नी रहन को, पर यी दुनिया म रहेगो, अर मी तोरो कने आऊ हैं। अरे सुध्द बाप, अपनो उ नाम से जे तू न मोखा दियो हैं, उनकी देख भाल कर कि जसा अपुन एक हैं वी अपनो समान एक रहे।
अब मी वी दुख को लाने खुसी मना उ हैं, न जे तुम्हारो लाने उठा उ हूँ अर मसी को क्लेसो खी घटी ओकी सरीर को लाने, अर्थात् कलीसिया को लाने, अपनो सरीर म पुरी करा हूँ;