21 बुराई से नी हार, पर भलाई से बुराई ख जीत ले।
21 खराप ले नी हारा, मान्तर अच्छा ले खराप के जीता।
पर “यदि तोरो दुसमन भुखो हो ते ओ ख जोवन खिला, पर प्यासो हो ते ओ ख पानी पिला; काहेकि असो करना से तू ओको सिर पर आग को अंगार हुन को ढ़ेर लगाएगो।”
हर एक व्यक्ति सासन को अधीन रवह अधिकारी हुन का बस रह, काहेकि कोई अधिकार असो नी हैं जे परमेस्वर कि तरफ से नी होऐ; अर जे अधिकार हैं, वी परमेस्वर का दुवारा ठहरायो गयो हैं अधिकारी हैं।
बुरा का बदला बुरा मत कर अर नी गाली को बदला गाली नी दे; पर एका बदला आसीस ही दे, काहेकि तुम आसीस को सन्तान होन का लाने बुलायो गयो हो।