ऐको संग ही संग वी घर-घर फिर ख आलसी होना सिखा हैं, अर सिरप आलसी नी पर फक्कड़-फक्कड़ करते रहव हैं अऊर दुसरो को काम म हात भी डाला हैं, अर बेकार की बात भी करा हैं।
एकोलाने तुम आपसी म एक दुसरा को सामने अपनो अपनो पाप ख मान लेव अर एक दुसरो को लाने प्रार्थाना करो जसो चंगा हो जाओ धर्मी अदमी की प्रार्थना को सक्तिसाली से बेजा कुछ हो सकह हैं।