15 अब म तुम ख भी जे रोम सहर म रवह हैं, सुसमाचार सुनान ख लाने तैयार रवह हैं।
15 आउर मय तुमके बले जोन रोम ने रऊ आस, नगतखबर सुनातो काजे भरसक तिआर आंसे।
एकोलाने खेत का मालिक से विनती कर कि यीसु अपनो खेत काटन का लाने मजदूर भेज देहे।
जे कुछ भी वा कर सकत रह ओ न करियो, ओ ना मोरो गाड़ो जान कि तैयारी म पहले से मोरो सरीर म इतर मलो हैं।
येपर यीसु न उनसे बोल्यो, जेना मोखा भेज्यो हैं ओकी मर्जी को हिसाब से चलू अर ओको काम पुरो करनो, यूइच मोरो खाना आय।
पर पोलुस न जवाब दियो, “तुम का करा हैं कि रो-रो ख मोरो मन तोड़ा हैं? मी तो प्रभु यीसु को नाम को लाने यरूसलेम म नी केवल बाँधी जान ही को लाने पर मरन को लाने भी तैयार हैं।”
अर अगर भेजो नी जाहे, ते कसो प्रचार करे? जसो लिखो हैं, “उन का पाय का ही सुन्दर आय, जे भली बात हुन का सुसमाचार लाने हैं।”
जहाँ तक हो सका हैं, तुम अपनी ओर से सब को संग म मिल जुड सान्ति रखनू बनायो रख।
पर मोरो मन कि उमंग यी हैं कि जहाँ-जहाँ मसी को नाम नी लियो गयो हैं, वही सुसमाचार सुनाऊ असो नी होए कि दुसरो कि नीव पर घर बनाऊँ।
अदि मी अपनो विस्वास से से यू करू हैं, ते मोखा इनाम को अधिकार होय। अर म अपनी मर्जी से यू नी करू हैं। मोखा जे काम दियो गयो हैं, म ओ ख पूरो करूँ हैं।
काहेकि अदि ऐकी दान देवन कि इक्छा हैं ओकी इक्छा अनुसार माना भी होए हैं जो ओखा नजीक हैं, नी कि ओखा अनुसार जो ओखा नजीक नी हैं।