पर जो मोरो दियो वालो पानी पीए कोई उ पानी म से पिहेगो जो मी ओखा देऊ, उ फिर अनन्त काल को जीवन लक प्यासो नी रहन को; पर जो पानी मी ओखा देऊ, उ ओमा एक झिरिया सो बन जाहे जे अनन्त जीवन को लाने हमेसा उमंड़तो रहेगो।”
काहेकि सूरज उगन से ही बेजा धूप पड़ा हैं अर घास ख सुखा देवा हैं, अर ओको फूल झड़ जावा हैं अर ओकी सोभा जाती रहव हैं, यू तरीका से धनवान भी अपनो काम पर चलते-चलते मिठ्टी म मिल जाहे।