प्रकाशितवाक्य 18:19 - परमेस्वर को सच्चो वचन ख जाननू19 अऊर अपनी-अपनी मुंडी पा धूद्दर ड़ालेगो, अर रोते बखत अर किलपते हुए चिल्लाया ख कहेगो। धितकार! धितकार! यू बड़ो सहर। जोकी सम्पत्ति को दुवारा समुंदर ख सबरा जहाज वाला धनी हो गया रहा, घड़ी भर म ही उजड़ गयो। Faic an caibideilHalbi19 “आउर आपलो-आपलो मुण्डमन थाने धुरला पका दे, आउर गागुन-गागुन आउर कलपुन-कलपुन चिचयाऊन-चिचयाऊन भाती बोल दे, ‘हाय! हाय! ऐ बड़े नंगर जेचो सम्पत्ति चो दुवारा समुन्द चो सपाय जाहाज बितामन धनी होऊन जाऊ रवत, घड़ी भर ने ची उजरुन गेली।’ Faic an caibideil |