अकेलो इतनो कर कि तुमारो चाल-चलन मसी को सुसमाचार ख लायक हो कि चाहे मी आ ख तुम ख देखू चाहे नी भी आऊ, तुमारो बारा मी यू सुनु हैं कि तुम एक ही आत्मा म मजबूत हो, अर एक मन हो ख सुसमाचार को विस्वास ख लाने महेन्त करिये रवह हो,
एकोलाने याद कर कि तुना कसो ग्यान पायो हैं अर कसी सुनी रहा, अऊर उनमा बनो रयो अर मन फिरा। अदि तू चेत ख नी रहन को ते मी चोर को जसो आ जाहूँ, अर तू कभी नी जान सकन को कि कोन घड़ी तोरो जोने आ जाऊँगो।