8 उन न पेट भर खायो अर चेला हुन न बचियो टुकड़ा से सात टोकनी भर ख उठायो।
8 आउर हुनमन खाऊन भाती संतुष्ट होला आउर चेलामन बाचलो गोंदा चो सात टुकना भरून भाती उठाला।
अर जब सब न खा भरपूर हो गयो, ते चेला न बचो भयो टुकड़ा से भरी हुई बारा टोकनी हुन उठायो।
असो तरीका से सब न पेट भर खायो अऊर चेला हुन न बचियो वाला टुकड़ा से भरिया वाला सात टोकनी भर ख उठायो।
अऊर न वी चार हजार कि सात रोटी हुन, अऊर न यू कि तुमना कित्तो टोकनी हुन उठई रहा?
अर अदमी चार हजार को लग-भग हता; तब यीसु न उनका अपनो घर बिदा करियो,
ओ ना भूखा इंसान ख चोक्खो खाना से उनको पेट भरयो, अर धनी हुन ख खाली हात हेड दियो।
नास होन वालो खाना को लाने मेहनत मत करो, पर उ खाना को लाने जो अमर (अनन्त) जीवन तक ठहरो रहवा हैं, जोका इंसान को पोरिया तुम ख देहे; काहेकि बाप ऐकोमतलब परमेस्वर न ओपर मोहर लगायो हैं।”