ओ न कय्हो, “सतरक रहनू कि भरमाए नी जाए, काहेकि बेजा से मोरो नाम से आ ख कहेगो, ‘मी उही आय, अर यू भी कि, बखत (बखत) पास म आ पहुचो हैं।’ तुम ओके पिछु नी चलो जानो।
होसियार रहो कि कोई तुम ख उ तत्व-ग्यान अर बेकार धोखा को व्दारा अपनो अहेर नी बनो ले, जे अदमी हुन की रीति रिवाज हुन अऊर दुनिया की आदि सिक्छा को अनुसार ते हैं, पर मसी को अनुसार नी।
कोई तुम इंसान हुन ख कोई भी तरीका से नी बैहकाय।, काहेकि उ दिन जब लक नी आ सकन को जब लक पहले धरम को त्याग नी हो जाय, अर उ अधर्मी इंसान परगट नी हो जाय, जेको नास हो जानो जरूरी हैं।
अरे प्यारो दोस्त, हर एक कि विस्वास नी करह, यानी आत्मा हुन ख परख कि वी परमेस्वर कि तरफ से आय कि नी; काहेकि बेजा से झूटा भविस्यवक्ता हुन दुनिया म निकल खड़े भयो हैं।