42 अर तुरत ओको कोढ चल दियो, अर उ सुध्द हो गयो
42 आउर तुरते हुनचो कोढ़ छांडली आउर हुन शुद्ध होलो।
यी पर यीसु न ओ ख कय्हो दियो, “अरे पोरी तोरो विस्वास बड़ो हैं। जसो तू चाह हैं, तोरो लाने वसो ही होय” अऊर ओकी पोरी ऊईच बखत अच्छी हो गई।
तब ओको जोने म जाका ओको हात पकड़ ख ओखा उठायो; अर ओको जुड़ उतर गयो, अर वा उनकी सेवा-चाकरी करन लग गई।
ओ न ओपर तरस खा का हात बढ़ायो, अर ओखा छीका कय्हो, “मी चाहूँ हैं तू सुध्द हो जा।”
फिर यीसु न ओखा जता ख ओखा तुरत बिदा करयो,
अर तुरत ओको खुन बगरनो बन्द हो गयो, अर ओ न अपनो सरीर म जान लियो कि मी या बीमारी से अच्छी हो गई हैं।
तुम तो उ वचन को वजेसे जे मी न तुम से कय्हो हैं, सुध्द हैं।