26 फिर वी गिरासेनी हुन को देस म पहुँचियो, जो उ पार गलील का सामने हैं।
26 फेर हुनमन गिरासेनीमन चो देश ने अमरला, जोन हुनपाट गलील चो पुरे आसे।
तब यीसु ओसे कय्हो, “तुम्हारो विस्वास किते हतो?” पर वी डर गया अर अचम्भो होकर आपस म कहन लगिया, “यू कऊन हैं जे आँधी अर पानी ख भी आग्या देव हैं, अर वी ओकी मान हैं?”
जब वी किनारा पर उतरिया तो उ नगर को अदमी ओ ख मिलो जे मा दुस्टात्मा हुन हती। वी बेजा दिन से न कपड़ा पहिनत रह। अर न घर म रह पर मरघट म रह हता।