19 ओकी माय अऊर ओको भई ओके पास आए, पर भीड़ को कारन ओसे मिल नी सक्या।
19 हुनचो आया आउर हुनचो भाई हुनचो लगे ईला, मान्तर भीड़ चो लागुन हुनचो ले भेट नी होऊक सकला।
जब ओखा कुटुम्ब ख न असो सुनियो, ते वी ओखा पकड़न ख लाने निकलियो, काहेकि वी बोलत रह, ओको दिमाक ठिकाना म नी हाय
ओसे कय्हो गयो, “तोरी माय अर तोरो भई बाहर खड़ो हुयो, तो से मिलना चाहत हैं।”