15 तब वी मुरदा उठ बैठियो, अर बोलन लगियो। ओ ना ओ ख ओकी माय का सोप दियो।
15 तेबे हुन मुरदा उठून बसलो, आउर गोठयाऊक मुरयालो। हुन हुनके हुनचो आया के सोपुन दिलो।
तब ओ ना पास म आकर अर्थी को छुओ, अर उठन वाला ठहर गयो। तब ओ ना कय्हो, “हे जवान, मी तो से कहत हूँ, उठ!”
इसे सब पर डर (भय) छा गयो, अर वे परमेस्वर की बड़ाई कर ख कहन लगिया, “हमार बिच म एक बड़ो भविस्यवक्ता उठियो हैं, अर परमेस्वर न अपना अदमी पर कृपा नजर करी हैं।”