ते एक बखत यीसु कोई जगह पर विनती कर रयो हतो, विनती खत्म होन पर उनको एक चेला न उनसे कय्हो, “प्रभु हम का निवेदन करनो सिखा, जसो यूहन्ना न अपनो चेला हुन ख सिखायो रहा।”
प्रभु न कई, “अदि तुम ख राई को दाना को बराबर भी विस्वास होतो, ते तुम यू सहतूत को झाड़ से कहता कि जड़ से उखड़ जा अर समुंदर म लग जा, ते उ तुम्हारी मान लेतो।
जक्कई न खड़ा होकर प्रभु से कय्हो, “हे प्रभु, देख, मी अपनो आधी धन-दऊलत बिखारी का देत हूँ अर यदि कोई को कुछ भी अन्याय कर ख ले लियो हैं ते ओ ख चार गुना पास करूँ हैं।”
तब प्रभु न घूम ख पतरस का तरफ देखियो, अर पतरस का प्रभु की उ बात याद आयो जे बात ओ न कय्ही हती: “आज मुर्गा को बाँग देन से पहलो, तू तीन बार मोरो इंकार करेगों।”
जब वी नगर का फाटक का पास पहुँचियो, तो देखो, लोग उ एक मुदा का बाहर ले जात हतो; जे अपन माय को एक ही पोरिया हतो, अर वी विधवा हती; अर नगर को ढ़रो सारो लोग हुन ओको संग म हता।
यीसु न उनसे कय्हो, “अरे बाई, तू काहे ख रोवा हैं?” कोन ख ढूँढा हैं? ओ न माली समझ ख ओसे कय्हो, “अरे प्रभु, अदि तू न ओखा उठा लियो हैं ते मोखा बता कि ओखा कहाँ धरीयो हैं, अर मी ओखा ले जाऊ।”
ऐको कारन ओ ख जरूरी हतो, कि सब बात म अपनो भई को समान रय्हे; जसो उन न बोली मी जो परमेस्वर से सम्बन्ध रखह हैं, एक दयालु अर भरोसा लायक बडो महा याजक बने ताकि अदमी ख पाप को लाने प्रायस्चित करे।