अऊर जे कोई न घर हुन, अऊर भई हुन, अऊर बहिन हुन अर माय अर पोरिया-पारी हुन, अर खेत हुन का मोरो नाम ख लाने छोड़ दियो हैं, ओको सव गुना मिले, अऊर उ अनन्त जिन्दगी को हक्कदार होऐ।
यीसु न ओखा ध्यान से देख ख ओसे प्रेम करियो; अर ओसे कही, “तो म एक बात कि कमी हैं। जा जे कुछ भी तोरो हैं ओखा बेच ख गरीब-लचार (कंगाल) हुन म बाट दा, अर तोखा स्वर्ग म धन मिल जाहे, अर आका मोरो पिछु हो जा”