45 अर सूरज को उजियाला जात रहयो अर मन्दिर को परदा बीच म से फट गयो,
45 आउर बेर चो उजर जाते रये, आउर मंदिर चो परदा मंजी ले फाटली,
अर देख मन्दिर को परदा ऊपर से नीचु तक फट ख दो टुकड़ा हो गयो; अर जमीन डोल गई अर चट्ठान तड़क गई,
अर मन्दिर को परदा ऊपर से नीचू तक फट ख दो टुकड़ा हो गयो।
या आसा हमारो आत्मा को लाने असो लंगर हैं जे स्थिर अऊर मजबूत गढ़ हैं, अऊर परदा को जोने तक पहुँचता हैं।