44 लगभग दोपहर से तीसरो पहर तक पुरो देस म अन्धियारो छायो रहयो,
44 लगभग दुय पाहार ले तीसर पाहार तक सपाय देश ने अंधार छाऊन रये,
दोपहर से लेख तीन पहर तक उ पूरो देस म अन्धिरा छायो रयो।
अर समसान खुल गई अर सोए हुओ सुध्द इंसान हुन ख बेजा से मरो सरीर जिन्दो हुयो,
जो अधिकारी क्रूस को सामे खड़ा हता, जब ओखा असो चिल्लाया ख जान छोड़ते देखियो, ते ओ न कय्हो, “सच्ची म यू इंसान परमेस्वर को पोरिया हतो!”
यू फसह की तैयारी को दिन हतो, अर छटवा घण्टा को लग भग हतो तब ओ ना यहूदी हुन से कही, “देखो तुमारो राजा!”
प्रभु को बड़ो अर उजाला वालो दिन को आनो से पहलो सूरज अंधेरा म अर चंदा खून जसो लाल म बदल जाएगो।