16 एकोलाने मी ओखा पिटवा ख छोड़ देहु हैं।”
16 ऐईकाजे मय हुनके पेटाऊन भाती छांडुन देये से।”
यी पर पिलातुस न उनको लाने बरअब्बा को छोड़े ख दियो अर यीसु ख कोड़ा लगवा ख सूली पर चढ़ान को लाने सिपाही हुन ख हात म सोप दियो।
तब पिलातुस न भीड़ ख खुस करन को लाने उनकी इच्छा से, अर बरअब्बा ख उनको लाने छोड़ दियो, अर यीसु ख कोड़ा मरवा ख सोप दियो कि सूली पर चढ़ायो जाय।
पिलातुस तिहार को बखत म ओको लाने एक कैदी ख छोड़न ख लाने मजबूर हता रह,
ओ न तीसरो बार ओसे कय्हो, “काहे ओ न कोन सी बुराई कियो हैं? मी न ओमा माऊत को दण्ड को योग्य कोई बात नी पायो। एकोलाने मी ओ ख पिटवा ख छोड़ देत हूँ।”
“दोस नी लगा, तो तोखा भी दोस नी लगायो जाहे। दोस नी लगाहे, ते तुम ख भी दोस नी ठहराए जाएगो माप कर, तो तोखा भी माफ कियो जाएगो।
पर पोलुस न उन ख बोलयो, “उन म जो रोमी इंसान हैं, दोसी ठहरायो बिना इंसान को सामने मारो अर जेल खाना म डाल दियो। अब हम ख चुपके से निकाल रहया हैं? असो नी; पर वी खुद आ ख बाहार निकाले।”