लोग खड़ा-खड़ा देखत रह हता, अर मुखिया भी माजक कर ख कहत रह: “येना दुसरा का बचायो, अदि यू परमेस्वर को मसी हैं, अर ओको चुनो वालो हैं, ते अपनो तुम का बचा ल।”
तेभी अधिकारी हुन म से बेजा सारा न यीसु पर भरोसा करियो, पर वी फरीसी हुन को कारन उजागर म नी मानत रह हता, कभी असो नी होय की वी प्रार्थना मन्दिर म से निकाल जाए:
काहेकि यरूसलेम क रहन वाला अर ओके मुखिया हुन न ओ ख पहचानो अर नी भविस्यवक्ता हुन की बात समझी, जे हर छुट्टी को दिन पढी जात हैं, एकोलाने ओ ख दोसी ठहरायो उ बात हुन का पूरो कियो।”