29 ओ न ओसे एक उदाहरन भी कय्हो, “अंजीर को झाड़,” अर सब झाड़ हुन का देखो।
29 हुन हुनमन ले गोटक कहनी बले बल्लो; “अंजीर चो रूक आउर सपाय रूकमन के दका।
अऊर उनना रस्ता को किनारा अंजीर को एक झाड़ देख ख। उ ओको नजीक गयो, अऊर पत्ता हुन ख छोड़ ख ओमा अर कुछ भी नी पा ख यीसु न झाड़ से कय्हो, “अब से तोम फिर कभी फल नी लगे।” अऊर अंजीर को झ़ाड़ तुरंत सूख गयो।
जब यू बात होन लगेगो, ते सीधो होय ख अपनो सिर ऊपर उठाएगो; काहे कि तुम्हरो छुटकारा जोने होएगो।”
जसो ही ओमा नया डिक्कर निकला हैं। ते तुम देख ख अपनो तुम ही समझ लेवा हैं कि बरसात को बखत नजीक हैं।