अदि तुम दुनिया का होता, ते दुनिया तुम ख अपनो समझ ख प्रेम करतो; पर तुम दुनिया का नी हाय, पर मी न तुमका दुनिया म से चुनियो लियो हैं, एको लाने दुनिया तुम से बैर रखा हैं।
एकोलाने मी मसी को कारन अपनी कमजोरी हुन म, अऊर बेज्जती हुन म, अऊर लाचार हुन म, अऊर उपद्रवो हुन अऊर दुख हुन म खुसी हैं; काहेकि जब मी कमजोर होए हैं, तभी ताकत वार होवा हैं।