12 फिर ओ न तीसरो का भेजो, अर उन ना ओ ख भी घायल कर ख निकाल दियो।
12 फेर हुन तीसर के पठालो, आउर हुनमन हुनके बले घायल करून निकराऊन दिला।
फिर ओ न दुसरो से पुछियो, तोरो पर कितनो करजा या कर्जदार हैं? ओ न कय्हो, सव मन गहूँ, तब ओ न ओसे कय्हो, अपनो खाता-बही लेकर अस्सी लिय्ख दे।
फिर ओ न एक अर दास का भेजो, अर उन्होना ओ ख भी पीट ख अर ओको अपमान कर ख खाली हात लउट दियो।
तब दास की खेत को मालिक न कय्हो, ‘मी का करूँ? मी अपनो अच्छो पोरिया का भेजूगो, सम्भव हैं वी ओखा आदर करे।’