ओ न पिता को उत्तर दियो, ‘देख मी इतनो साल से तोरी सेवा कर रयो हूँ’ अऊर कभी भी तोरी आग्या नी टाली, तोभी तू न मोखा कभी ‘एक भी बकरी को बच्चा भी नी दियो कि मी अपनो दोस्त हुन का संग खुसी करूँ हैं।’
मी तोसे कहू हैं कि असो तरीका से एक मन फिरान वालो पापी को बारे म भी स्वर्ग म इत्तो ही खुसी होय, जितनो कि निन्यानवे असा धर्मी हुन को बारे म नी होवा, जिन्हे का मन फिरानू की आवस्यकता नी।
अऊर यीसु न यू सुन ख ओसे कय्हो, “तुम म अब तक एक बात ख घटी हैं। अपनो सब कुछ बच ख गरीब हुन म बाट दे अऊर तुमारो नजीक स्वर्ग म धन होऐ। ते आ ख मोरो पिछु हो ला।”