4 पर वी चुपचाप रह गया। तब ओ न ओखा छु का चोक्खो करो अर जान दियो,
4 मान्तर हुनमन ओगाय रला। तेबे हुन हुनके छिंऊन भाती चेंगा करलो आउर जाऊक दिलो,
ऐको जवाब म कोई भी एक बात नी बोल सको। उ दिन से कोई ख भी फिर ओसे कई भी पूछन को हिम्मत नी भयो।
इ पर यीसु न व्यवस्थापक अर फरीसी हुन से कय्हो, “का आराम को दिन चोक्खो करनु उचित हैं या नी?”
अर ओ न कहयो, “तुम से असो कोन हैं, जेको गधा या बईल कुआ म गिर जाऐ अर वी आराम को दिन का ओको तुरत बाहर नी निकाले?”