16 फिर यीसु न उन ख यू उदाहरन सुनायो; “कोई धनवान कि जगह पर बेजा फसल भई।”
16 हुन हुनमन ले गोटक कहनी बल्लो, “कोनी सवकार चो भुईं थाने खुबे फसल होली।
पर कुछ दाना अच्छी जमीन पा गिढ़ियो, अऊर ओमन दाना लगियो, कोई म सव गुना अऊर कोई म साठ गुना अऊर कोई म तीस गुना।
जसो तुम अपनो स्वर्ग म रहन वालो परमेस्वर बाप कि अवलाद ठहरोगो काहेकि उ भली अऊर बुरा दोई पर अपनो सूरज ख उगावा हैं, अऊर धर्मी अऊर अधर्मी दोई पर अपनो सूरज ख उगावा हैं।
अर ओ न ओसे कहयो, “सतर ख रहनो, अर सब प्रकार को लोभ से अपनो तुम ख बचा ख रखनू; काहेकि कि कोई को जीवन ओकी धन-दऊलत को ज्यादा होनो से नी होवा।”
एको बाद उ अपनो मन म विचार करन लग गयो, मी का करूँ? काहेकि मोरो यहाँ जगह नी जहाँ अपनो अनाज अऊर कुछ रखूँ।
तोभी उन न अपनो पास की यू गवाह नी छोडया पन वह भलाई करते रहयो अर बादल से वर्सा अर फलवन्त रितू देक ख तुम्हारो मन को खाना अर खुसी से भरते रहयो