3 हमरी दिन भर की रोटी हर रोज हम ख दियो कर,
3 ‘आमचो दिनभर चो रोटी हरदिन आमके दिया कर,’
हमरी दिन भर की रोटी आज हम ख दे।
अब कल कि चिन्ता नी कर, काहेकि कल को दिन अपनो चिन्ता खुद ही कर ले; आज को लाने आज ही को दुख ढ़ेर सारो हैं।
यी इंसान हुन थिस्सलुनीके को लोगो हुन से बेजा अच्छा हता, अर हर दिन सुध्द सास्र म ढुँढ़ते रह कि यह बात योंही आय कि नी।