4 एकोलाने नी बटुवा, नी झोला, नी जूता लो; अर नी रस्ता म कोई का नमस्ते कर।
4 ऐईकाजे ना बटवा, ना झोरा, ना पनही धरा; आउर ना बाट ने कोनी के जुहार करा।
ओ न बारा हुन ख अपनो कने बुलायो अर उन ख दो-दो कर ख भेजन लग गयो; अर उनना बुरी आत्मा कि आत्मा हुन पर हक दियो
फिर ओ न ओसे कय्हो, जब मी न तुमका बटुवा, अर झोली, अर जूता बिना भेजो हतो, ते का तू को किसी वस्तु घटी हुई हती? उन्होना कय्हो, “किसी वस्तु की नी।”