यीसु न कय्हो, धितकार तोखा, खुराजीन! धितकार तोखा बैतसैदा! जो सामर्थ्य को काम तोमा करिया गया रहा हैं, अदि वी सूर अर सैदा म किया जाता, ते बोरा टाट ओढ़ ख, अर राँक म बैठ ख वी कब का मन फिरा लेता।
एकोलाने तोरो नजीक कोई बाहाना नी हैं तुम ते दूसरो पर दोस लगवा हैं जे से कि तुम जे निर्नय कर हैं उ ईच तुम खुद कि निंदा कर हैं, तुम जे निर्नय लेवय हैं ऐको उ ईच काम कर हैं।
अर जो अदमी सारीरिक रूप से बिना खतना रहे, अगर उ नियम ख पूरो करिये, ते का तोखा जो लेख पानो अर खतना कियो जाने पर भी नेम ख माना नी करिये हैं, दोस नी ठहराएगो?