ओको बाद यीसु न कय्हो अर बुरी आत्मा न ओकी बात मान लियो अर निकल ख डुक्कर हुन को भीतर समा गई अर झुण्ड, जे कोई दो हजार को हतो रह, कड़ाडे म से दऊड ख झील म गिडियो अर ड़ुब मरियो।
अरे प्रभु, “कोन तोपर भरोसा अर तोरो नाम कि महिमा नी करन को? काहेकि सिर्फ तूईच ही सुध्द हैं।” पूरी जात हुन आ ख तोरो जोने पाय पड़ेगो, काहेकि तोरा न्याय ख काम परघट हो गया हैं।
चारी जीव हुन का छे: छे: पंख हैं, अर चारी तरफ अर भीतर आँखी ही आँखी हैं; अर वी रात दिन बिना आराम करो असा बोलते रहवा हैं, “सुध्द, सुध्द, सुध्द प्रभु परमेस्वर, सर्वसक्तिमान,” जो हतो अर जो हैं अर जो आन वालो हैं।