1 फिर प्रभु यीसु जैतून पहाड़ पा गयो।
1 मान्तर ईशु जैतून चो डोंगरी थाने गेलो।
अऊर वी यरूसलेम ख नजीक आयो अऊर जैतून टेकाड़ा अर बैतफगे को नजीक आया, ते यीसु न दो चेला हुन ख यी कह ख भेजो,
जसा ही वी यरूसलेम ख नजीक म, जैतून नाम को पहाड़ पर बैतफगे अर बैतनिय्याह नगर को आजू बाजू आया। ते ओ न अपना चेला हुन म से दो का यू बोल ख भेजियो,
जब उ जैतून का टेकड़ा पर मंदिर को सामने म बठो हतो, ते पतरस अर याकूब अऊर यूहन्ना अऊर अन्द्रियास न अकेलो म जा ख ओसे पुछियो
अऊर जब नजीक म आत हुयो जब वी जैतून टेकड़ा की ढलान पर पहुँचियो, ते चेला हुन की सारी मण्डाली उन सब सामर्थ्य को काम हुन को कारन जे उन्होना देखिए हते, खुसी म होय ख बड़ो सब्द से परमेस्वर की स्तुति करन लगियो:
फिर सब कोइ अपना-अपना घर चल दिया