4 अर ओखा सामरिया से होका जानो जरुरी थो।
4 आउर हुनके सामरिया ले होऊन भाती जातोर जरूरी रये।
एक बार असो भयो कि उ यरूसलेम ख जाते घड़ी सामरिया अर गलील को बीच म से होका जात रहा।
ओ ना ओसे कहयो, तुम मोखा काहे ढूढ़ा हैं? “का तुम नी जानत आय कि मोखा अपनो बाप को मंदिर म रहनो जरुरी हैं?”
तब अखमारी रोटी को तिहार को दिन आयो, जे म फसह को बलिदान चडानो (मेम्ना) आवस्यक हतो।