5 ओकी माय न सेवक हुन से कय्हो, “जे कई भी उ तुम से बोले, उसी ही करनु।”
5 ईशु चो आया सेवकमन ले बल्ली, “जोन काई हुन तुमचो ले बले दे, हुनी करा।”
जब यीसु भीड़ से बात कतर ही रहा, तब ओकी माय अऊर भई बाहर खड़ा हता अऊर ओसे बात करन की सोचत रहा।
जो हुकुम मी तुमका देऊ हैं, अदि तुम ओखा माने ते तुम मोरा दोस्त आय।
पर तू अब खड़ो हो अर सहर म जा। उते तोखा बता दियो जाहे कि तोखा का करनो चहिए।”
भरोसा को वजह से ही, जब अब्राहम परमेस्वर को हुकुम मान ख उ देस जाय जो ख वाहा विरासत म करन वालो थो। अब्राहम नी सोचो कि मी काहा जा रहयो हैं फिर भी वाहा चल्यो जावा हैं।
अर सिध्द बन ख, अपना सब झन हुन ख हुकुम मानन वाला को लाने हमेसा काल को उध्दार को कारन हो गयो,