मोरो बाप न मोखा सब कुछ सोपियो हैं। अर पोरिया ख कोई नी जाना, पर सिर्फ पोरिया; अऊर न कोई परमेस्वर ख जाना हैं, पर सिर्फ बाप; अर नी कोई बाप का जाना सिर्फ पोरिया अर उ जेपर पोरिया ओखा प्रगट करनो चाहे।
काहेकि जब परमेस्वर ख ग्यान को जसो दुनिया न ग्यान से परमेस्वर ख न जानो, ते परमेस्वर ख यू अच्छो लगो कि यू प्रचार कि मुर्ख हुन ख व्दार विस्वास करन वालो ख उध्दार दे।
काहेकि ओको ही दुवारा पुरो दुनिया की रचना भई हैं, स्वर्ग की रैय या जमीन की दिखन वाली या नी दिखन वाली का सिंहासन का राज्य करन वालो का अधिकारी हुन का अधिकार सब चीज ओको ही व्दारा अर ओको ही दुवारा बनाई गई हैं।
भरोसा ही से हम जान जाव हैं, कि पुरी दुनिया की रचना परमेस्वर को वचन को वजे से भई हैं पर असो नी हाय की जे कुछ देखनु म आवा हैं, उ देखी वाली चीज से बन्यो होय।