26 अत: जसो सरीर आत्मा बिना मरी हुई हैं, वसो ही भरोसा भी करमो बिना मरो हुओ हैं।
26 आउर जसन देंह आत्मा बिना मरलीसे, असने ची बिश्वास बले करम बिना मरलीसे।
अर यीसु न बड़ो आवाज से पुकार ख कय्हो, “हे बाप, मी अपनो आत्मा तोरो हात हुन म सोपत हूँ।” अर यू वा कह ख प्रायन छोड़ दियो।
मसी यीसु म न खतना अर न ही खतना नी करनो महत्व कुछ काम को हैं, पर सिर्फ भरोसा, जो प्रेम को व्दारा प्रभाव ड़ाला हैं।
अरे मोरा भई अर बहिन हुन, अदि कोई इंसान कहव हैं कि मी भरोसा करहु हैं, पर अदि वी करम नी करा हो, ते ओसे का फायदा? का असो भरोसा कभी ओको उध्दार कर सकह हैं?
वसो ही भरोसा भी, अदि करम सहित नी होए ते अपना स्वभाव म मरीया हुआ हैं।
पर हे नीकम्मो अदमी, “का तू यह भी नी जानह कि करम बिना भरोसा बेकार हैं?”