यदि लेवीय याजक पद को व्दारा सिध्दि प्राप्त हो सकी (जोको सहारो से अदमी ख इन्तजाम मिलो रह) ते फिर का जरूरत हती रह की दुसरो पूजारी मलिकिसिदक को रीति पर खडो हो, अर हारून कि रीति को नी कहलाए?
पर अब जे धर्म सेवा यीसु मसी ख मिली हैं, वाहा कही गुणा बडी हैं; काहेकि वह एक असो नेम को अधिन हैं जे सबसे महान हैं। अऊर उत्तम वादा हुन सहारो को दुवारा बाँधी गई हैं।