3 अदि परमेस्वर की याहा हुकुम हैं ते हम असो ही करेगों।
3 अगर माहापुरू चाहा लो ने आमी ऐई करूं दे।
पर असो बोल ख उनसे बीदा भयो, “अदि परमेस्वर चाहे ते मी तुमरो जोने फिर आहूँ। ओको बाद उ इफिसुस से जहाज खोल ख चल दियो;
अर म परमेस्वर कि इच्छा से तुमारो पास खुसी का संग आ ख तुमारो संग आराम पा हे।
काहेकि मी अब रस्ता म तुम से मिलनु नी चाहूँ हैं; पर मोखा आसा हैं कि अगर प्रभु चाहे ते कुछ बखततक तुमारो संग रहू।
पर प्रभु न चाय्हो ते म तुमारो नजीक जल्दी ही आऊ, अऊर उन घुस्सा भेयो हुन का बात हुन ख नी, पर उनकी सक्ति ख समझ हैं।
याहा उन अदमी हुन को लाने असंभव हैं ज्योति को प्रात हो गयो हैं। जिन न स्वर्गीय उपहार को स्वाद चखो हैं अऊर जे सुध्द आत्मा सह भागी हुया हैं।
ऐको उल्टो तुम ख यू कहनो चहिए, “अदि प्रभु चाहे ते हम जिन्दा रहेगो,” अर यू थो उ काम भी करेगों।