11 मी न घुस्सा म आ ख ईमान खई, वी मोरा आराम म प्रवेस करन नी पाऐ।”
11 तेबे मय रीस होऊन भाती किरिया खादले, ‘हुनमन मोचो विश्राम ने ओलुक नी सकदे।’”
पर हम जिन पर भरोसा कियो हैं, वी आराम करन को दिन म भीतर नी आन का; जसो कि परमेस्वर न कहयो, “मी न अपनो गुस्सा म ईमान खई कि वी मोरा आराम को दिन भीतर नी आ पाहे” हाला कि दुनिया को पैदा वार को उ बखत से उन को काम पुरो हो गयो थो।
अर या जगह फिर उ असो कह हैं, “वी मोरो आराम म भीतर नी आ पान का।”
ते खैर जे भी होय। जान ल कि परमेस्वर क भक्त हुन को लाने एक वसो ही अराम रहव हैं जसो ही आराम को हफ्ता को दिन परमेस्वर को हतो।